Jan 14, 07:19 pm
नई दिल्ली। भारतीय टीम ने भले ही ब्रैड हॉग पर लगाए आरोप वापस ले लिए है लेकिन उसके इस सद्भावनापूर्ण कदम पर यदि आस्ट्रेलिया इसी तरह का रुख अपनाना चाहे तो भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल [आईसीसी] के नियमों के मुताबिक हरभजन सिंह के मामले में ऐसा संभव नहीं।
आईसीसी नियमों के अनुसार आस्ट्रेलियाई टीम के लिए हरभजन के खिलाफ लगाए नस्लभेदी टिप्पणी के आरोप पर अब कदम पीछे खींचने का वक्त निकल चुका है। गौरतलब है कि इस मामले में हरभजन पर मैच रेफरी माइक प्रोक्टर ने तीन टेस्ट मैच की पाबंदी लगाई है। आईसीसी सूत्रों के मुताबिक इस तरह के मामलों में अपील आयुक्त की नियुक्ति के बाद प्रक्रिया पूरी होना जरूरी है भले ही शिकायतकर्ता अपने आरोप वापस लेने का फैसला क्यों न कर ले।
आईसीसी से जुड़े एक सूत्र ने कहा, 'भारतीय टीम के मैनेजर चेतन चौहान ने हॉग पर भारतीय खिलाड़ियों को गाली देने का आरोप लगाया था और बाद में उसे वापस ले लिया। दूसरी ओर, हरभजन के मामले में आरोप मैदान में मौजूद अंपायरों ने लगाया था, जिस पर मैच रेफरी ने अपनी सजा भी सुना दी थी। इसके बाद हरभजन की अपील पर आईसीसी ने न्यूजीलैंड के जॉन हेनसेन को अपील आयुक्त नियुक्त कर दिया। अब इस मामले में प्रक्रिया अपने अंत तक जाएगी।' वैसे आईसीसी ने अब तक इस मामले की सुनवाई के लिए तारीख मुकर्रर नहीं की है।
Source-Yahoo Hindi News Service
Monday, January 14, 2008
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